Hit and run law: हिट & रन कानून 106, 106(2) मतलब दुर्घटना के वक़्त जो दोषी वाहन चालक घायल व्यक्ति कि मदद करेगा, अस्पताल ले जाएगा, उस पर सिर्फ 106 कि धारा पर जमानत भी मिल जाएगी, क्योंकि यह धारा जमानती रहेगी।

वही जब कोई घटित दुर्घटना में दोषी वाहन चालक जो घटना स्थल से भाग जाएगा, उस पर धारा- 106(2) के तहत प्रकरण बनेगा और यह धारा गैर जमानती रहेगी, इसमें जमानत नही होगी। इस धारा में जो सजा कि अवधी तय हैं उसे भुगतना पड़ेगा।

आपको बता दें कि.. धारा- 106 में सिर्फ 5 वर्ष कि सजा हैं।

सरकार अब जो धारा 106(2) का नया सेक्शन जोड़ने जा रही हैं उसमे गैर जमानती धारा रहेगी और सजा कि अवधि 10 वर्ष कि जा रही हैं और साथ ही 10 लाख के जुर्माना का भी प्रावधान सरकार ने रखा हैं।

सरकार 106 धारा में नया सेक्शन 106(2) को इसलिए लागू कर रही हैं, क्योंकि देखा जा रहा है कि सड़क दुर्घटना में जब किसी वाहन से टकरा कर कोई बाइक चालक, कार चालक या अन्य सामान्य व्यक्ति मर जाता हैं या घायल हो जाता हैं, तो उस वक्त वाहन चालक जो वाहन छोड़कर या वाहन लेकर भाग जाता हैं, उसके लिए सरकार नई क़ानूनी धारा लागू करने जा रही हैं।

जबकि वाहन चालक को भागना नहीं चाहिए, उसे मौक़े पर रुकना चाहिए और घटना में सहयोग करना चाहिए, पुलिस एम्बूलेंस को सूचित कर घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाना चाहिए, भागने कि जगह उसे घायल कि मदद करना चाहिए लेकिन वाहन चालक ऐसा नहीं करते।

जिसके कारण अब सड़क हादसे में कमी लाने व दोषी वाहन चालको के विरुद्ध शख्त कार्यवाही करने के लिए सरकार ने 106(2) का नया सेक्शन जोड़ा हैं।

सरकार द्वारा बनाए गए नए कानून को लेकर ट्रक और बस ड्राइवर्स ने पूरे देश में चक्का जाम कर दिया था, जिसकी वजह से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिसके बाद केंद्र सरकार ने हिट एंड रन पर बने नए कानून को वापस लेने का फ़ैसला किया। तब जाकर वाहन चालकों ने हिट एंड रन कानून के खिलाफ हड़ताल को खत्म किया और दो दिन बाद सामान्य हुआ जन-जीवन।

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